Showing posts with label Poetry. Show all posts
Showing posts with label Poetry. Show all posts

Thursday, August 6, 2020

क्या जानूं?

 

उम्र के बड़ते  कदम कहाँ ले जायेंगे क्या जानूं?
कौन कितने मेरे अपने    रह पाएंगे क्या जानूं?

जो बहुत क़रीब थे अब बहुत दूर नज़र आते हैं,
कितने दुःख दर्द वह और देते जायेंगे क्या जानूं?

अक्सर अब बीते दिनों की यादों में खो जाता हूँ,
कैसे वो लम्हे सपने हो कर रह जायेंगे क्या जानूं?

चाहता तो था जो दिल के क़रीब थे वो पास रहें,
वक़्त गुज़रते वो अनजाने हो जायेंगे क्या जानूं ?

उदासियों के समंदर की गहराई बढ़ती ही जाती है,
कब फिर खुशियों  के पल लौट पाएंगे कया जानूं ?

लिखने को तो बहुत कुछ है मन भरा पड़ा है जैसे,
लेकिन मेरे अपने कभी सुन भी पाएंगे क्या जानू ?

Friday, January 31, 2014

ग़ज़ल - भूल जाता हूँ..



तुम्हारी याद को दिल से भुलाना भूल जाता हूँ!
आदतन अपने  हालात बताना भूल जाता हूँ!!

मिलती हो तो चाहता हूँ करूँ मैं बहुत सी बातें,
तुम्हारी आँखों में खो कर सुनाना भूल जाता हूँ!

तुम्हारी खिलखिलाती हंसी में अक्सर खो कर,
मैं सारी दुनिया सारा जमाना भूल जाता हूँ!

नहीं वाकिफ हूँ मुहब्बत के रस्मों और रिवाज़ो से 
अपने पागल दिल को मैं समझाना भूल जाता हूँ!

क्या राज-ऐ-उल्फत है मुहब्बत करने वालों का,
मैं नादान समझना यह अफसाना भूल जाता हूँ !

#HindiPride

Monday, December 5, 2011

ख्यालों में

ख्यालों में डूब कर तेरा, चेहरा दिखाई देता है!
गमों से सुखी रेत सा, सहरा दिखाई  देता है !!

तुम को भुलाने की हम ने की हजारों कोशीशें ,
दिल के हर कोने पे तेरा, पहरा दिखाई देता है!!

बदनाम तेरे प्यार में हम हो चुके ओ बेरहम ,
जिंदगी बहता पानी है पर, ठहरा दिखाई देता है!!

हर हसीन चेहरे से  हमें आती है तेरी ही झलक,
जुल्फों से तेरे गैंसुओं का, लहरा दिखाई देता है!!

तुम किस दुनिया में खो कर भूल गए हो हमे,
मुझे अपना हर ज़ख़्म अब, गहरा दिखाई देता है!!

'आशु' हमें दुनिया दीवाना,  कहती है कहती रहे, 
नहीं सुन सकता ये दिल,  बहरा दिखाई देता है!!

#HindiPride

Monday, November 28, 2011

माँ



तुम नहीं हो बताओ अब कौन से घर जाऊं मैं!!
मन करता है बस जिंदा रह कर मर जाऊं मैं!!

तुम्हारे जाने के बाद सब सूना सा लगता है,
बात करने को नहीं, मन है चुप कर जाऊं मैं!!

सबसे बातें मुलाकातें, बस बेगानी सी लगती है,
तुमे मिलने का मन हो, कौन से घर जाऊं मैं!!

कभी कभी हर चेहरा माँ तेरे जैसा लगता हैं ,
अब तुम्हे ढूंढने को कहाँ और किधर जाऊं मैं!!

क्यों इतनी अनजान,  और निर्मोही हो गई माँ,
तेरी यादों का दीया किस तरह बुझा पाऊँ मैं!!
 
अब तो बस एक ही मेरी इच्छा है पूरी कर देना,
अगले जन्म मैं तेरा ही बेटा आ कर बन जाऊं मैं!

Friday, November 18, 2011

अब !!


अब खुद से बात कर के घबरा जाते है हम!
दिल की बात दिल से न कह पाते है हम!!

तन्हाईयों के जंगल में खो कर अक्सर,
अपनी ही परछाई से डर जाते है हम !!

तेरे जैसा कोई नहीं हैं साथी या संगी मेरा,
जिंदगी की राहों में बस कसमसाते है हम !!

या खुदा यह इश्क का कैसा है इम्तिहा,
अकेले में जुदाई की ठोकरें खाते है हम !!

ऐ काश हमें पुकार लो इक बार तुम,
तेरी कसम सब छोड़ के चले आते है हम !!

'आशु' ख़ुशी में भी रोने का ही मन करता है,
तेरी याद में इस दिल को तडपाते है हम !!

Monday, November 14, 2011

कशमकश

कुछ लोग अक्सर मिल कर बिछड़ जाते है!
कुछ रिश्ते बनते तो है, मगर बिगड़ जाते  है!!

जब मिलते है वो रातों की नींदें उड़ा देते है,
जब बिछड़ने है तो अक्सर घर उजड़ जाते है !!

पास रहते है तो हमे अपना सा बना लेते है,
जुदा होते है तो दिल के चैन भी उड़ जाते है!!

शायद कभी वो जिंदगी में फिर कभी ना आयें,
अकेले में  यादों के समन्दर उमड जाते है !!
 
कितना होता है दर्द,  प्यार की कशमकश में,
खुशकिस्मत है वो जो इस इश्क में पड़ जाते है!!

Monday, July 18, 2011

कोई बात नहीं....

वो हमारे नहीं तो ना सही हमें कोई ग़म नहीं!
हम तो सदा उन के रहेंगे यह कुछ कम नहीं!!

वो वादा भूल जाएँ 
हमें कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता,
तुम्हारी याद कोई मिटा दे किसी में दम नहीं!!


बेशक रोती है आँखें, दिल भी मायूस रहता है,
लेकिन तुम हमे चाहते हो ऐसा भी भरम नहीं!!


तुम बहुत बदल गये हो पहले जैसे नही रहे,

हम भी जो हुआ करते थे अब वैसे हम नहीं!!

लोगो के तंज़ सुनने की आदत सी हो गयी है

जख्म जिस से मेरे भर जाएँ ऐसी  मरहम नहीं!!

तेरा ख्याल क्यों दिल से जाता नहीं है 'आशु'

समझाया इस पागल को पर इसे शर्म नहीं!!

Copyright !

Enjoy these poems.......... COPYRIGHT © 2008. The blog author holds the copyright over all the blog posts, in this blog. Republishing in ROMAN or translating my works without permission is not permitted.