Monday, December 5, 2011

ख्यालों में

ख्यालों में डूब कर तेरा, चेहरा दिखाई देता है!
गमों से सुखी रेत सा, सहरा दिखाई  देता है !!

तुम को भुलाने की हम ने की हजारों कोशीशें ,
दिल के हर कोने पे तेरा, पहरा दिखाई देता है!!

बदनाम तेरे प्यार में हम हो चुके ओ बेरहम ,
जिंदगी बहता पानी है पर, ठहरा दिखाई देता है!!

हर हसीन चेहरे से  हमें आती है तेरी ही झलक,
जुल्फों से तेरे गैंसुओं का, लहरा दिखाई देता है!!

तुम किस दुनिया में खो कर भूल गए हो हमे,
मुझे अपना हर ज़ख़्म अब, गहरा दिखाई देता है!!

'आशु' हमें दुनिया दीवाना,  कहती है कहती रहे, 
नहीं सुन सकता ये दिल,  बहरा दिखाई देता है!!

#HindiPride

10 comments:

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

क्या बात है आशु जी, आप के पास तो बहुत कुछ है। ठाले-बैठे से जुडने के लिए आभार।

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 07/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

sangita said...

अच्छा लिखा है | मेरे ब्लॉग पर आपक स्वागत है|

डॉ. मोनिका शर्मा said...

खूब कहा ...सुंदर पंक्तियाँ

आशु said...

संगीता स्वरुप ( गीत ) has left a new comment on your post "ख्यालों में":

तुम न जाने किस दुनिया में , हमे भूल कर खो गए,
मुझे तो हर ज़ख़्म पहले से, गहरा दिखाई देता है!!


उदासी से भरी खूबसूरत गज़ल

आशु said...

नवीन जी, यशवंत जी, संगीता जी, मोनिका जी व संगीता स्वरुप जी,
आप सब की उत्साह पूर्ण टिप्णियों के लिए बहुत बहुत शुक्रिया..ऐसे
ही अपना प्यार बनाये रखे,,
आशु

Patali-The-Village said...

बहुत खुबसूरत अभिव्यक्ति| धन्यवाद|

रजनीश तिवारी said...

bahut sundar gazal .,.

आशु said...

रजनीश तिवारी जी,

उत्साह बढ़ने के लिए व् मेरे ब्लॉग में शामिल होने के
लिए आप का बहुत बहुत शुक्रिया!

अपना प्रेम बनाए रखें

आशु

dinesh aggarwal said...

सुन्दर पंतियाँ।

Copyright !

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