Monday, July 18, 2011

कोई बात नहीं....

वो हमारे नहीं तो ना सही हमें कोई ग़म नहीं!
हम तो सदा उन के रहेंगे यह कुछ कम नहीं!!

वो वादा भूल जाएँ 
हमें कुछ फ़र्क़ नहीं पड़ता,
तुम्हारी याद कोई मिटा दे किसी में दम नहीं!!


बेशक रोती है आँखें, दिल भी मायूस रहता है,
लेकिन तुम हमे चाहते हो ऐसा भी भरम नहीं!!


तुम बहुत बदल गये हो पहले जैसे नही रहे,

हम भी जो हुआ करते थे अब वैसे हम नहीं!!

लोगो के तंज़ सुनने की आदत सी हो गयी है

जख्म जिस से मेरे भर जाएँ ऐसी  मरहम नहीं!!

तेरा ख्याल क्यों दिल से जाता नहीं है 'आशु'

समझाया इस पागल को पर इसे शर्म नहीं!!

3 comments:

दिगम्बर नासवा said...

बेहतरीन ... लाजवाब गज़ल है आशू जी ..

Dr Varsha Singh said...

लोगो के तंज़ सुनने की अब तो आदत सी हो गयी है
मेरे जख्म जिस से भर जाएँ ऐसी कोई मरहम नहीं!!

मेरे दिल से तेरा ख्याल क्यों जाता नहीं है 'आशु'
कितना समझाया इस पागल को पर इसे शर्म नहीं!!


बेहतरीन ग़ज़ल...हर शे‘र में आपका निराला अंदाज झलक रहा है।

मेरा मन पंछी सा said...

लाजवाब सर
बहुत ही बढ़िया लिखा है आपने..
कमाल की रचना है
शानदार ..
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है...

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