मेरे पिया नहीं मेरे पास रे
लीनी न खबरिया मुझ बिरहन की
बड़ती जाए आग मिलन की
मन रहे सदा मोरा उदास रे
मेरे पिया ....
सारी सारी रैना मोहे नींद ना आए
हर पल उन की याद सताए
मोहे पिया मिलन की आस रे
मेरे पिया ....
कारी बदरिया जब नभ पे छाये
अँखियाँ छम छम नीर बहाए
मोहे आया नही सावन रास रे
मेरे पिया .....
अब तो सजन मेरे घर आ जाओ
तन-मन की अग्नी बुझा जाओ
आया मधुर मिलन का मास रे
मेरे पिया ...
1 comment:
Its a nice blog.Keep Writing.
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