हाल से बेहाल हो गए तुम से जुदा हो कर !
बेखुदी में बेखयाल हो गए तुम से जुदा हो कर!
मेरे गम्खार मेरे साथ रहे कुछ कदम तक,
मिलने को भी मोहाल हो गए तुम से जुदा हो कर!
किस को इल्जाम दे हम अपने रंझो-गम का
हँसे अब कई साल हो गए तुम से जुदा हो कर!
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2 comments:
बढिया नज्म ।
Asha Ji,
aap ka bahu bahut shukriya..aise hee hamari honsla afzayee karti rahe to meri koshish jari rahegi..
Ashoo
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