आप सभी ने मेरी रचना 'ब्लोगरों की महफ़िल' भाग - १ को पढ़ कर मेरा बहुत होंसला बढ़ाया और प्रेरित किया के इस का भाग-२ भी लिखूं . मेरे बहुत से प्रिय और ख़ास ब्लागर साथियों के ब्लॉग के बारे में व उन की रचनायों की कुछ जानकारी देने का मेरा यह एक छोटा सा प्रयास है! प्रस्तुत है ब्लागरों की महफ़िल का भाग-२ और उम्मीद करता हूँ आप को पढने में उतना ही आनंद आएगा जितना मुझे इसे लिखने में आया है !!
महफ़िल अभी है जमी हुई आप को और साथियों से मिलवाना है!
ज़रा ठहरें और पास बैठे मुझे उन का तुआरुफ़ अभी करवाना है!!
'संगीता स्वरुप' जी अपने 'बिखरे मोती' चुनने को है लगी हुई,
साहिल के पास 'नए ख़्वाबों' का उन के पास भरपूर खजाना है !!
'महफूज़ अली' 'मेरी रचनाएँ' में अपने सवालों के जवाब मांगते है,
कौन और कहाँ खो गया है उन का, यह कौन सा रिश्ता पुराना है!!
'मन का पाखी' की 'रशिम रविजा' ने क्या उपन्यास लिख मारा है,
'और वोह चला गया बिना मुड़े' उसे पड़ेगा मुड़ कर फिर से आना है!!
'कुछ मेरी कलम से' रंजू भाटिया जी कुछ तेज़ रफ़्तार से डरती है,
'आज का सच' लिख फिर भी उन्हें, हमें हकीकत से मिलवाना है!!
'स्वपनरंजिता' से आशा जोगलेकर जी, मेरे इस देश में ही रहती है,
'दुनिया तो' में दी हुई सार्थिक्ता की शिख्सा को हमें ज़रूर निभाना है!!
'हेमंत कुमार' 'क्रिएटिव कोना' से बच्चों व बड़ों के बारे में लिखते है,
ठण्ड के मौसम की ग़ज़ल को उन्हें गोठियों की आग से देह्काना है!!
'अर्श' दिल्ली के फर्श पे बैठे क्या 'नए साल के गुल' खिलाये जाते है,
खिड़की के उड़ते दुप्पटों के ख्याल से क्या सुन्दर मन को बहकाना है!!
'गगन शर्मा' जी कुछ औरों से हट कर बहुत 'अलग सा' लिखते है,
क्या खूब ताश के चारों रंगों के , बादशाह और बेगम से मिलवाना है!!
'गुलदस्ता-ऐ-शायरी' की बबली जी, क्या खूब चार लाइनों में लिखती है,
उनकी हर रचना व् शेयरों में सदाबहार ख्यालों का सुन्दर सा खजाना है!!
दिल्ली की गृहणी 'वंदना गुप्ता' जी 'ज़ख़्म जो फूलों ने दियें' लिखती है,
क्षणिकाओं के ज़रिये उन्हें अपने प्यार को ज़बरदस्ती से मनवाना है!!
'भीगी ग़ज़ल' की 'श्रदा जैन' जी सिंघापुर से ग़ज़लों की रचना करती है,
'अजीब शख्श' का किताब मेज़ पे छोड़ पढ़ कर सच दिल को लुटवाना है!!
लिखने को तो बहुत है साथी और भी, पर क्या करें अभी बस मजबूरी है,
आखिर यारो इस ग़ज़ल को मुझे इस के अंजाम तक ज़रूरी पहुचाना है !!
वक़त और किस्मत ने जो साथ दिया तो शायद फिर इस पर लिख पाऊँगा,
कुछ गलती हों तो क्षमा करे, 'आशु' का मकसद सब के औरों से मिलवाना है!!
11 comments:
बहुत अच्छी लगी यह महफ़िल....
आभार...
बहुत ही सुन्दर शब्दों का समावेश लिये बेहतरीन प्रयास,बधाई के साथ शुभकामनायें ।
बढिया महफ़िल
it's a great post
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EINDIAWEBGURU
बहुत ही खूबसूरत शेर ......वाह .......... वाह आशु जी ........ मज़ा आ गया पढ़ कर ..... आपने तो ब्लॉगेर्स को रचना में बाँध लिया ..... अच्छा लिखा है ......
आशु जी
महफ़िल हो तो एसी
सुन्दर रचना
आभार
खूब सजायी महफिल आपने तो
wow kya andaaz hai mahfil jamaane ka ....kabile taareef....................
आशु जी, बहुत पसन्द आयी आपकी यह रचना। सचमुच आपने तो ब्लागरों को बहुत बढ़िया ढंग से रचनाबद्ध किया है। शुभकामनायें। पूनम
bahut khub pyaare.....!!
sir, kamaal kar diya.
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