जाम और आए ए साकी बहुत प्यासे हम हैं!
भर दे प्याला मेरा फिर से अभी तो पी ही कम है!
ज़िंदगी का अब क्या है दिल पुर्ज़ा पुर्ज़ा हो चुका,
शाद जितना होना था दिल ने उतना है वो हो चुका,
अब तो है पीने की तमन्ना जब तक दम में दम है
जाम और आए ए साकी बहुत प्यासे हम हैं!
दिल था उन का जाँ थी उन की जो ना अब अपने रहे,
जो थे अपने दिल के इरादे वो तो बस सपने रहे,
अब तो दर मैखाने का है और दिल मे गम है!
जाम और आए ए साकी बहुत प्यासे हम हैं!
वो ही जब अपने रहे ना और 'आशु' जीए तो क्या?
तुम ही बताओ मैय ना पिए और फिर पिए तो क्या?
ज़यादा ज़िद ना कर अब देख आँखे मेरी नम है!
जाम और आए ए साकी बहुत प्यासे हम हैं!
2 comments:
वो ही जब अपने रहे ना और 'आशु' जीए तो क्या?
तुम ही बताओ मैय ना पिए और फिर पिए तो क्या?
-मजबूरी है, क्या करियेगा. खींचे रहिये. :)
Great reading yourr blog post
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