ऐसे लगता है जैसे फूलों पर फिर से शबाब आया है!!
माना कि वह गाफ़िल नहीं दिल की बेचैनियों से,
उसके चंद हर्फों से खुशियों का इक बहाब आया है!!
बढ़ गयी है बेकरारी बेसब्री कैसे और इंतज़ार करें,
दिल की बेताबी को और बढाने का मुकाम आया है!!
तुम्हारे प्यार की खुशबू बसी है तेरी इन चंद लाइनों में,
मुझे तेरे दिल की धडकनों का इन से एहसास आया है!!
2 comments:
आज उस की तरफ से मेरे ख़त का जवाब आया है!
ऐसे लगता है जैसे फूलों पर फिर से शबाब आया है!!
मतला बहुत ही लाजवाब है जनाब .... क्या बात कही है ...
दिगंबर साहिब,
होंसला अफजाई के लिए आप का बहुत बहुत शुक्रिया . आप जैसे जानकार लोगों से चंद शब्द बहुत होंसला देते है a लिखने का शौक पूरा करने का ....
जरानावाज़ी!!
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