सुन बेवफा यादों को मेरी तुम चाह कर भी भुला ना पाओगी ।
रोंती रहोगी ख्यालों में मेरे, मगर तुम हम को रुला ना पाओगी ॥
इश्क में मेरे तुम डूब मरोगी यादो के अंधेरों में खो जाओगी,
बंद दर जो मैंने अपना कर दिया, तुम उसे खुलवा ना पाओगी॥
तरसोगी मेरे पास आने को, जब तनहाइयों से घबरा जाओगी,
मेरे गम जब में तुम रोओगी , याद आने पे मुस्करा ना पाओगी॥
आएगा एहसास मेरी बातों का, तुम अकेले बैठ कर पछताओगी,
दिल तेरे पे मैंने जो नाम लिखा, चाह कर भी मिटा न पाओगी॥
आँखों से झरझर बहेंगे आंसू, तेरे दामन को भिगो कर रख देंगे,
चाहोगी भी अगर अपने मन को, तो उस को समझा ना पाओगी॥
याद आएगा हमारा घंटो बैठ , प्यारी मीठी बातों में खो जाना,
बीते दिनों के हंसी लम्हों को, तुम फिर से बुला न पाओगी ॥
5 comments:
बहुत सुन्दर..
प्यार का एहसास कराने की एक अच्छी रचना है
Bahut sundar bhavon ko samete hai apkee yah rachana.
Poonam
बहुत उम्दा रचना----
हेमन्त कुमार
आप सब का मेरा होंसला बढाने के लिए बहुत बहत शुक्रिया..अपना प्यार बनाए रखें.
आशु
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