Friday, November 14, 2008

दोस्ती


अपने जब नही करीब होते हैं
वोह पल बड़े बदनसीब होते हैं

दोस्त के ऐब पर नही जाते,
दोस्त किस को नसीब होते हैं

दूरी का गम ना कर ऐ दोस्त
दोस्त तो दिल के करीब होते हैं

जब हम तुम मिल के चलते हैं
वोह दिन बड़े अजीम होते हैं

गम ना कर जहाँ के बातों का
दुनिया वाले तो रकीब होते हैं

कहीं दामन ना तूं छुडा लेना
ऐसे खयालात दिल्चीर होते हैं

यकीन चाहो तो आजमा लेना
यारी के हम फ़कीर होते हैं

दूर होते हो तो दिल तडपता हैं
तेरे पास खुशनसीब होते हैं

यह मेरी है दुआ खुश रहे तूं सदा
गम तो सीने में तीर होते हैं

1 comment:

Vinay said...

आखिरी शे'र कमाल रहा, ऐसा नहीं बाक़ियों में कुछ कमी है बस पसंद की बात रही!

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