Wednesday, May 7, 2008

दूर !!

हम चले जायेंगे
दूर
बहुत दूर!
तुम्हारी आह्टो से दूर!
तुम्हारी ज़िंदगी से दूर!
टूटा दील टूटी तमन्नाएँ ले कर
तडपता प्यार और सीसकती यादें ले कर
लेकिन
फीर भी,
फिजाओं में रहेगी याद
हमारी वफ़ा की !
जब गुजुरोंगीं तुम उन्ह राहों से
यहाँ हम मीळ के गुज़रे थे !
साँस लोगी उन्ह हवाओं में
यहाँ कभी अपनी खुशबू थी!
देखोंगी उन्ह वादियों को
यहाँ सपने कभी देखे थे !
तब,
अपने आप ही उठ जाएँगी
तुम्हारी नीगाहें
यहाँ टकराई थी कभी
आप की हमारी नज़रें
कीतना प्यार था
तेरी खामोश आंखों मे
देखा तो बस तब से हम
तुम्हारे हो गए !
तुम्हारी चाहत
तुम्हारी तमन्ना में खो गए !
याद आएगा तुम्हे
हमारा पहरों करना
तुम्हारा इंतज़ार !
हमारी नज़रों का मीलना
और तुम्हे देख कर
मेरे चेहरे का खील्ना
शायद सोच कर
उदास होगी तुम
अपने से नाराज़
शायद कुछ गुमसुम
यकायक जब यह
एहसास होगा
हम अब दूर हो गए
तुम्हारे कदमो की आहट से दूर!
तुम्हारी ज़िंदगी से दूर
दूर
बहुत दूर

लुटी तमन्नाएँ
और सीस्कती यादें ले कर !

No comments:

Copyright !

Enjoy these poems.......... COPYRIGHT © 2008. The blog author holds the copyright over all the blog posts, in this blog. Republishing in ROMAN or translating my works without permission is not permitted.